Tuesday, 12 April 2016

VAGDEVI SPIRITUAL PROCESS [#16145] मनुष्य-मात्र के प्रति प्रेम में श्रद्धा

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संभव है, गांधीजी हमारी सदी के महानतम व्यक्ति माने जाएँ। कई बार उनका नाम लेनिन के साथ लिया जाता है; परन्तु लेनिन का राज्य इस दुनिया का था और हम नहीं जानते कि दुनिया उस राज्य  का क्या करेगी। गांधी जी का राज्य इस दुनिया का नहीं था। यद्यपि गांधीजी घटनाओं पर हावी हुये और उन्होने राजनीति को प्रभावित किया, पर उनकी जड़ें काल से परे थीं और उन्हीं जड़ों से गांधीजी ने शक्ति प्राप्त की।


उनका स्थान, निःसन्देह, धर्म संस्थापकों के बीच है, फिर भले ही उन्हों ने कोई भी धर्म स्थापित न किया हो। उनका स्थान महान कलाकारों  के बीच है, यद्यपि कला कभी भी उनका माध्यम नहीं रही।

पर, निश्चय ही, गांधीजी का स्थान उन सभी नर-नारियों के बीच है जिन्होंने भौतिक सुख और सफलता  की जीवन  का एकमात्र उद्देश्य  नहीं समझा; तथा प्रेम में ही उनकी अडिग श्रद्धा स्थायी रूप से विद्यमान रही।

ई॰ एम॰ फॉर्स्टर
[एडवर्ड मार्गम फॉर्स्टर (1879-1970), अँग्रेजी भाषा के उपन्यासकार, लघुकथा लेखक, निबंधकार तथा उदारवादी चिंतक थे। समाज में वर्ग-विषमता तथा आडंबर के प्रति विक्षोभ उनकी रचनाओं में झलकता है। उपन्यासों में; ए पेसेज टु इंडिया’, ए रूम विद ए व्यू तथा कथाओं में दि मशीन स्टाप्स’, दि अदर बोट’, दि अदर साइड आफ दि हेज तथा ए लाइफ टु कम आदि उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।]


प्रमोद कुमार शर्मा

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