Tuesday, 22 March 2016

परिवर्तन की दिशा

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“हम पृथ्वी के युग परिवर्तन के उस अध्याय में जी रहे हैं जिसके इतिहास का प्रारम्भ पाश्चात्य आदर्शों ने किया था। किन्तु, यदि मानव जाति को आत्महनन और आत्मलोप से बचाना है तो इतिहास परिवर्तन की दिशा भारतीय दर्शन पर आधारित होनी चाहिये।“
आर्नल्ड जे टायेनबी


[Arnold Joseph Toynbee (1889-1975) was a philosopher of history and research professor of International History at the London School of Economics and the University of London.] 

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